छत्तीसगढ़ राज्य का गठन कब हुआ
1854 की पूर्व छत्तीसगढ़ का ये भूभाग मराठों के अधीन नागपुर राज्य का एक भाग था 1854 में हड़प नीती के तहत डलहौजी ने नागपुर राज्य सहित छत्तीसगढ़ को भी अधिग्रहण कर ब्रिटिश राज्य में मिला लिया हम अपने इस लेख में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन कब हुआ Chhattisgarh Rajya Ka Gathan Kab Hua और उससे सम्बंधित सारे विवरण के साथ बताने कि कोशिश कि है

1861 में मध्य प्रांत का गठन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ के इस भूभाग को भी शामिल किया गया तथा 1861 में ही रायपुर एवं बिलासपुर को जिला बनाया गया
1865 में रायपुर बिलासपुर एवं संबलपुर जिले को शामिल कर छत्तीसगढ़ को संभाग बनाया गया
1865 के पहले सम्बलपुर बंगाल प्रांत का एक हिस्सा था 1905 में बंगाल प्रांत एवं मध्य प्रांत का पुनर्गठन हुआ और संबलपुर ओडिशा राज्य में शामिल हो गया
1905 में जशपुर सरगुजा चंद्रशेखर व कोरिया को मिलाने से छत्तीसगढ़ की सीमाएं सुस्पष्ट हुई और 1905 में छत्तीसगढ़ का पृथक मानचित्र बना
1918 में छत्तीसगढ़ की प्रथम कल्पना पंडित सुंदरलाल शर्मा ने की थी उन्हें छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा भी कहा जाता है इन्होंने 1918 में छत्तीसगढ़ राज्य की स्पष्ट रेखा चित्र खींचा
1924 में पहली बार रायपुर जिला परिषद की बैठक में प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य का प्रस्ताव लाया गया इसके बाद 1939 में सुभाष चंद्र बोस की अध्यक्षता में त्रिपुरा में आयोजित कांग्रेस के 53 वां अधिवेशन में प्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य की मांग की गई इस प्रकार 1947 में देश स्वतंत्र हो गया और 1947 स्वतंत्रता के समय छत्तीसगढ़ क्षेत्र सेंट्रल प्रोविन्स एवं बरार का हिस्सा था
सन् 1948 में छत्तीसगढ़ के प्रमुख 14 रियासतों का भारत में विलय कर लिया गया जिससे छत्तीसगढ़ की सीमाओं का विस्तार हुआ 1953 में फजल अली की अध्यक्षता में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन हेतु गठित राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष छत्तीसगढ़ राज्य की मांग रखी गई इसके बाद 1955 में मध्य प्रांत की विधानसभा में रायपुर के विधायक ठाकुर रामकृष्णा सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य की मांग रखी गई
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के लिए 28 जनवरी 1956 में डॉक्टर खूबचंद बघेल की अध्यक्षता में राजनांदगांव में छत्तीसगढ़ महासभा का आयोजन हुआ तथा नेताओं द्वारा छत्तीसगढ़ की मांग की गई 1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य का गठन किया गया और छत्तीसगढ़ इसका हिस्सा बना
1967 में रायपुर में सम्मेलन आयोजित किया गया तथा सम्मेलन में राष्ट्रपति से पृथक राज्य छत्तीसगढ़ की मांग की गई
1967 में ही राज्यसभा सदस्य डॉक्टर खूबचंद बघेल ने छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए जन आंदोलन का रूप देते हुए छत्तीसगढ़ रात्र संघ का की स्थापना की गई
1967 में शंकर गुहा नियोगी द्वारा छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन किया गया छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के गठन के पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन में तेजी आई
1993 में विधायक रविन्द्र चौबे द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा में शासकीय प्रस्ताव लाया गया
1998 में संसद के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति श्री के आर नारायण ने मध्य प्रदेश से पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की और इस प्रकार 1 मई 1998 को मध्य प्रदेश विधानसभा में छत्तीसगढ़ निर्माण के लिए सहमति प्रदान की उस समय तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दे 1 सितंबर 1998 को मध्य प्रदेश विधानसभा ने राष्ट्रपति द्वारा भेजे मध्य प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 1998 में लगभग 40 संशोधनों के साथ वापस राष्ट्रपति को भेज दिया
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एनडीए ने चुनावी एजेंडा के तहत मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2025 जुलाई को तत्कालीन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत किया गया तथा इस अधिनियम को 31 जुलाई को लोकसभा से पारित करा लिया गया 3 अगस्त सन् 2000 को मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम को राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया तथा 9 अगस्त सन् 2000 को इस अधिनियम को एक संशोधन के साथ राज्यसभा ने पारित कर दिया
यह संशोधन छत्तीसगढ़ राज्यसभा की सीटों से संबंधित था 10 अगस्त सन् 2000 को राज्यसभा द्वारा किए गए संशोधन को लोकसभा ने स्वीकार कर लिया तथा 28 अगस्त सन् 2000 को राष्ट्रपति श्री के आर नारायण द्वारा अनुमोदित कर दिया गया
उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी थे इस प्रकार मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 बना जो भारत के राजपत्र में अधिनियम संख्या 28 वर्ष 2000 के रूप में अधिसूचित है
और इस तरह 1 नवंबर सन् 2000 को छत्तीसगढ़ देश का 26 वां राज्य बना 1 नवंबर सन् 2000 को जब छत्तीसगढ़ का निर्माण हुआ तो छत्तीसगढ़ में संभागों की संख्या तीन जिलों की संख्या 16 तहसीलों की संख्या 96 एवं विकास खंडों की संख्या 140 थी छत्तीसगढ़ का निर्माण भारतीय संविधान के 84 संविधान संशोधन द्वारा हुआ है
भारतीय संविधान के अनुच्छेद तीन के तहत छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया है तथा मात्र राज्य मध्यप्रदेश से 44 वर्ष बाद पृथक होकर छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण हुआ है छत्तीसगढ़ राज्य का गठन कब हुआ
छत्तीसगढ़ राज्य का इतिहास
छत्तीसगढ़ राज्य पुराने काल के दक्षिण कौशल का एक भाग पौराणिक काल कौशल राज्य और उत्तर कौशल तथा दक्षिण कौशल लामा को मुख्य दो भागों में बांटा गया है दक्षिण कोसल हाल ही में अभी का छत्तीसगढ़ कहलाता है महानदी का विवरण महाभारत और ब्रह्म पुराण में भी पाया जाता है
पुराने काल में छत्तीसगढ़ राज्य कई ऋषि मुनि यहाँ पर निवास करते थे छत्तीसगढ़ में सिहावा पर्वत में निवास कर रहे शृंगी ऋषि ने तुझे दे अयोध्या के महाराजा दशरथ के स्थान पर यज्ञ हवन करवाया था और यज्ञ के कारण भगवान राम और उसके भाई का जन्म हुआ
भारत के दो ही प्रदेश ऐसे हैं एक तो छत्तीसगढ़ और दूसरा बिहार जिसके नाम किसी न किसी कारण बस बदल गया असल में बिहार का नाम पहले मगध हुआ करता था लेकिन बहुत बिहारो की संख्या ज्यादा होने के कारण इसका जो नाम है बाद में बिहार हो गया उसी प्रकार छत्तीसगढ़ का नाम पहले दक्षिण कौशल हुआ करता था लेकिन यहाँ पे छत्तीसगढ़ मौजूद थे इसलिए इसका नाम छत्तीसगढ़ हो गया
छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना
छत्तीसगढ़ के इतिहास पर बात करेंगे लेकिन उससे पहले हम छत्तीसगढ़ के वर्तमान पर एक नजर डालते हैं छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना यानी छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना है 1 नवंबर 2000 को हुआ था इससे पहले छत्तीसगढ़ जो है अभिवाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा रहा छत्तीसगढ़ के बारे में डॉक्टर हीरालाल लिखते हैं कि छत्तीसगढ़ का जो नाम है
छत्तीसगढ़ के परंपराओं की बात करे तो छत्तीसगढ़ के विकास की बात करें तो छत्तीसगढ़ की परंपरा पर देखें तो छत्तीसगढ़ आदि सभ्यता से लेकर छत्तीसगढ़ के अलग अलग सभ्यताएं अलग अलग समय पर फलती फूलती रही है
छत्तीसगढ़ में पहले आदि सभ्यता का हमको प्रभाव देखने को मिलता है उसके बाद जो है छत्तीसगढ़ से शहर संप्रदाय वैष्णव सम्प्रदाय है और किसी समय पे बौध धर्म और जैन धर्म का प्रभाव उचाई पर रहा है छत्तीसगढ़ का जो जिक्र है वैदिक काल से लेकर पौराणिक काल तक हमको देखने को मिलता है छत्तीसगढ़ का जिक्र वैदिक काल में ग्रंथों पे आता है दो पे आता है
और उसके बाद पौराणिक काल की हम बात करते हैं तो पौराणिक काल पे जो रामचन्द्र है उनकी सबसे ज्यादा वक्त छत्तीसगढ़ पे गुजरे हैं रामचंद्रन ने अपने वनवास काल के सबसे ज्यादा समय छत्तीसगढ़ से गुजारें है जो राम की माँ है दक्षिण कौशल से है छत्तीसगढ़ से ही है और इसी के चलते हर छत्तीसगढ़ का आदमी अपने भांजे का पैर छूता है क्योंकि छत्तीसगढ़ में एक परंपरा है समझा जाता है
कि छत्तीसगढ़ में जो भांजा है वो राम का ही स्वरूप है उस को राम समझते हुए हर छत्तीसगढ़िया आदमी छत्तीसगढ़ के भांजे हो राम को आदर पूर्ण सम्मान देते है और छत्तीसगढ़ के अभिलेखों की बात करे छत्तीसगढ़ के अभिलेख की बात करे इसके अलावा एक चीज़ और बता दू जब मैंने कहा की वैष्णव संप्रदाय की बात की माने तो वैष्णव संप्रदाय की जो प्रवर्तक हैं और वल्लभाचार्य वो भी छत्तीसगढ़ में जन्मे हैं
हम इसके अभिलेखों की बात करे अभिलेखों से पुष्टि कहाँ से होती है सन 639 इ. पे जो चीनी यात्री ह्वेनसांग है वो आये थे छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ प्रदेश का जो नाम है वो हुआ करता था दक्षिण कौशल और बता दे की जो कौशल हिया वो एक पदेश हुआ करता था और कौशल प्रदेश को अलग अलग दो हिस्से में बात दिया गया था
उत्तर और दक्षिण कौशल उसी में से एक भाग जो हैं दक्षिण की और बाद में छत्तीसगढ़ होने के कारण इससे को छत्तीसगढ़ कहा गया और छत्तीसगढ़ में गढ़ों की संख्या बढ़ती रही लेकिन नाम रह गया छत्तीसगढ़ जब चीनी यात्री ह्वेनसांग उस वक्त छत्तीसगढ़ आए थे तब इसका नाम दक्षिण कौशल था
और दक्षिण कौशल थे उस वक्त के समय पे सात वाहन राजाओं का एक राज़ था और इसकी राजधानी थी श्रीपुर थी जो आज शिरपुर छत्तीसगढ़ हो गया है अगर साम्राज्यों बात करें तो इसमें जो और साम्राज्य देखने को मिलते हैं
जो अगर छत्तीसगढ़ के इतिहास और साम्राज्य पर नजर डालें तो किसी समय पे यहाँ पे मौर्य सम्राट मौर्य साम्राज्य साम्राज्य साथ महान साम्राज्य और इसी के साथ जो और राजा उनके बारे में बात करूँ तो और राजा जो है उनमें राजा राज श्री तुल्य और इसके अलावा सरभ्पुरी वंशो का भी जिक्र मिलता है सोमवंशी राजाओं का भी प्रभाव छत्तीसगढ़ में रहा है
छत्तीसगढ़ के नलवंशी राजा
नलवंशी राजा छत्तीसगढ़ में रहे हैं बाद में कलचुरी शासक छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय राजाओ की हम बात करे तो देखते हैं कि बस्तर के नल और नागराज वंश इसके अलावा कांकेर सोमवंशी राजवंश और कवर्धा के फनी नागवंशी राजाओं का जिक्र छत्तीसगढ़ में देखने को मिलता है
रामायण काल में एक और बात बात है कि रामायण काल से जो राम का ज्यादा वक्त यहाँ तो गुजरा ही लेकिन उसके अलावा दशरथ के समय पे पुत्रयेस्ती यज्ञ करवाया था
जिन्होंने पुत्रेष्ठि अंक किया था वो जो है शृंगी ऋषि उनका भी आश्रम छत्तीसगढ़ के सी हवा में मौजूद था इसी के साथ एक बात आपको और बता दूँ कि जब बौद्ध धर्म की बात कही तो बहुत गर्म है जिनका स्थान चौथ हुआ है जो महायान शाखा के प्रवर्तक हैं
जो बहुत धर्म की महायान शाखा के प्रवर्तक हैं नागार्जुन वो छत्तीसगढ़ में ही रहते थे उनका जो आश्रम छत्तीसगढ़ के हुआ करता था हमारे छत्तीसगढ़ का गठन निम्न सभ्यों द्वारा हुआ है
FAQ
1. छत्तीसगढ़ की कौन सी लोक गीत में गंगा का नाम बार बार आता है ?
उत्तर – भोजली
2.उच्य न्यायलय के न्यायधीश 2008 में छत्तीसगढ़ के कौन बने ?
उत्तर – राजीव गुप्ता
3.राज्य पशु कौन सा है छत्तीसगढ़का ?
उत्तर – जंगली भैंस
4. सबसे ज्यादा अरण्य वन स्थान छत्तीसगढ़ का कौन सा है ?
उत्तर- मिश्रित वृक्ष या वन
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